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विश्व मानवाधिकार परिषद एक सामाजिक ट्रस्ट है, जिसका पंजीकरण भारतीय न्यास अधिनियम 1882 के अन्तर्गत पंजीकृत किया गया है। जिसको संयुक्त राष्ट्र संघ के एनजीओ ब्रांच से संबद्धता प्राप्त है यह एक ग़ैर-सरकारी, ग़ैर-राजनैजिक राष्ट्रीय संगठन है। हमारा कार्य समाज के लोगों को जागरूक करना औऱ आम जनता के अधिकारों के हो रहे हनन के खिलाफ़ आवाज़ उठाना औऱ समाज फैले भ्रष्टाचार को उजागार करते हुए शासन प्रशासन को अवगत करना मुख्य उद्देश्य है। क्योंकि आज हमारे भारतवर्ष ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में मानव अधिकार हनन की घटनाएं निरन्तर बढ़ती जा रही हैं, जिसमें मानव उत्पीड़न, महिला उत्पीड़न, यौन शोषण एवं बाल श्रम जैसी घटनाऐं प्रमुख हैं। जेल में बन्द कैदियों की स्थित दयनीय एवं चिन्ताजनक है। देश में भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, जातिवाद, धर्मवाद, भाषावाद जैसी समस्याऐं दिन पर दिन विकराल रूप धारण करती जा रही हैं।आज़ादी के 66 वर्ष बीत जाने के बाद आज भी अधिकांश भारतवासी बेहतर शिक्षा, भोजन, स्वास्थ, आवास, शुद्ध पेयजल, न्याय, समानता और विकास जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। हमारे संविधान में जाति, धर्म, वंश मूल, लिंग, अमीरी, गरीबी, शिक्षित-अशिक्षित किसी भी प्रकार का विभेद नहीं किया गया है। संविधान में देश के प्रत्येक व्यक्ति को दैहिक एवं प्रकृतिक स्वतन्त्रता के अधिकार के साथ ही साथ गरिमामय जीवन यापन करने की भावना निहित की गयी है। इसको व्यवहारिक रूप से लाने के लिए संविधान में विधायिका, न्यायपालिका एवं कार्यपालिका की व्यवस्था की गयी है। इसी आधार पर हमारे देश का संविधान विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान माना जाता है।परन्तु विडम्बना यह है कि इसका लाभ आम आदमी को नहीं मिल पा रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारतवर्ष के प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय मिल सका है? गाँव, मोहल्लों में सफाई नहीं होती, राशन की दुकान में सामान सही से नहीं मिलता, सरकारी दफ्तरों में बिना सुविधा शुल्क के काम नहीं होता, अस्पतालों में दवाईयां नहीं मिलतीं, डाक्टर,नर्स मरीजों पर ध्यान नहीं देते, सड़कें टूटी फूटी हैं, ग्राम-स्तर के अधिकारी से लेकर राजनेता सांसद,विधायक, मंत्री तक ध्यान नहीं देते, गाँवों एवं पिछड़े इलाकों में बिजली ठीक से नहीं मिलती। इन सब समस्याओं के निराकरण के लिए हमारा संगठन प्रयासरत है तथा इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु संगठन का गठन किया गया।हमारा कार्य लोगों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। हम किसी भी सरकारी योजनाओं का संचालन नहीं करते हैं लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने कार्यो में सहयोग प्रदान करते हैं। जिससे कोई भी व्यक्ति अपने अधिकारों से वंचित न रह जाए ये संगठन की कोशिश रहती है। विश्व मानवाधिकार परिषद संगठन अपने सदस्यों के सहयोग से अपनी गतिविधियां संचालित करता है। अगर आप भी इन गतिविधियों का हिस्सा बनना चाहते हैं तो आपका स्वागत है आप भी इस शुभ कार्य में सहयोग प्रदान कर सकते हैं। जिसके लिए दान/सहयोग करने वाले व्यक्ति को संगठन की तरफ से रसीद उपलब्ध कराई जायेगी लेकिन रसीद प्राप्त करते समय राष्ट्रीय कार्यालय से संपर्क जरूर किया जाए जिससे सहयोग करने वाला शख्स ठगी का शिकार न हो सके जालसाजों से सावधान रहना बहुत जरूरी है, और अगर आप अपना कार्य किसी व्यक्ति के माध्यम से हमारे कार्यालय भेज रहे हैं तो इस बात का ध्यान रहे कि वह व्यक्ति आपका विश्वस्त हो। किसी भी तरह की जानकारी के लिए संगठन के पदाधिकारियों से सम्पर्क करें जो आपकी निःस्वार्थ भाव से आपकी पूरी मदद करेंगे। जिससे आपकी आवाज को हम अपने संगठन के माध्यम से शासन प्रशासन से लेकर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुचा सके मानव सेवा ही संगठन का मुख्य उद्देश्य है।
जय हिंद जय भारत
विश्व मानवाधिकार परिषद एक सामाजिक ट्रस्ट है जिसका पंजीकरण भारतीय न्यास अधिनियम 1882 के अन्तर्गत पंजीकृत किया गया है। यह एक ग़ैर-सरकारी, ग़ैर-राजनैजिक राष्ट्रीय संगठन है। हमारा कार्य समाज के लोगों को जागरूक करना है और उनकी आवाज को शासन प्रशासन तक पहुचॉना ।राष्ट्रीय अध्यक्ष एंव उसके द्वारा अधिकत पदाधिकारी को ही सिर्फ नया सदस्य बनाने/नवीनीकरण/निरस्त करने का अधिकार है। किसी भी पोस्ट/पद/या मेम्बर के लिए किसी राष्ट्रीय पदाधिकारी/ज़ोनल पदाधिकारी/प्रदेश अध्यक्ष या प्रदेश पदाधिकारी/मण्डल अध्यक्ष/पदाधिकारी/ज़िला, नगर,तहसील ब्लॉक, अध्यक्ष या पदाधिकारी आपको मनोनय पत्र या आई0डी0 कार्ड देते हैं तो पत्र/आई0डी0 कार्ड लेने वाले मेम्बर इन नम्बर पर अपने पत्र और आई0डी0 सुख्या सूचित करें या व्हॉट्सऐप करें, 09454110126/09794100006 या मेल करें या जिससे सदस्य के पत्र और पहचान पत्र को सत्यापित किया जा सके । जिससे कोई कार्ड लेटर फर्जी न जारी कर सके और पूरी बारीकी से नज़र रखी जा सके।
जय हिंद जय भारत
For this, one core committee has been constituted by the founder / national president of the organization to solve the problems of the organization's officials, including a chairman, one vice president, one secretary, and eight special invitees. Along with this, an advisory board has been formed in consultation with one President, one vice president, one secretary and 18 special invitees. All these Officers and members will work under the direction of the President. And send the report to the National President on which the final decision will be made by the Chairman of the National Council and the Core Committee and the Chairman, Advisory Board, Vice President, Secretary and National Legal Advisor.
Vishwa Manavadhikar Parishad(World Human Rights Council) Registered organization under the Indian Trust Act 1882, whose registration number is 16/2015 & 67/2018, Unique ID issued by the Policy Commission of the Government of India is UP / 2018/0199150, Registration number UAN NO.UP50D0015583, AN ISO 9001:2015 Certified Organization also affiliated with World Association of NGO,USA and UNO Consultative Status (ECOSOC)&Member of QCI(QUALITY COUNCIL OFINDIA).