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ऑल इंडिया प्रेस परिषद की स्थापना

ऑल इंडिया प्रेस परिषद् की स्थापना पत्रकारों के कल्याण व लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की रक्षा सुरक्षा, व मान सम्मान,दिलाने के लिए किया गया है। देश में चौथे पिलर का यानी मीडिया का राष्ट्रहितों में सबसे महत्वपूर्ण योगदान है। परन्तु देश का प्रहरी समस्याओं/उत्पीड़न से अधिक ग्रसित है। जो एक चिन्ता का बड़ा विषय है। समाजहितों में दिन रात एक कर देने वाला सजग प्रहरी आज के दौर में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। यह लोकतंत्र व देश के लिए दुर्भाग्य पूर्ण है। हमारा संकल्प है कि पत्रकारों पर हो रहे उत्पीड़न /फर्जी मुकदमे लिखने बंद किये जाय। देश के कलमकारों को डर व उत्पीड़न से मुक्त रहना बहुत ही जरूरी है। साथ ही पत्रकारों के रक्षा सुरक्षा की व्यवस्था सरकार द्वारा सुनिष्चित की जाय, तथा पत्रकारों के योगदान का यथोचित सम्मान/स्थान मिलें। हमारी इस मुहिम/संकल्प को सफल बनाने के लिए समस्त भाषाओं में प्रकाषित समाचार पत्र, पत्रिकाओं, आँनलाइन न्यूज पोर्टल, पत्रकारों व इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रतिनिधि साथियों को एकजुट होने की जरूरत है। सजग प्रहरी को अपनी बिखरी हुई शक्ति को एकजुट होकर लोकतंत्र के चैथे पिलर को भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प एक साथ करना होगा। जब तक हम सभी पत्रकार भाई संगठित नही होगें तब तक हमारे लोकतंत्र/स्तम्भ का भविष्य और कमजोर होता जायेगा।

ऑल इंडिया प्रेस परिषद् किसी भी संगठन से जलन/हसद नही रखता, पत्रकार भाइयों के हितो में संचालित किसी अन्य संगठन के रास्ते भी किसी मोड़ पर जाकर पत्रकार भाइयों के कल्याण /उत्थान हेतु एक हो जाते है। आप पत्रकार कल्याण के लिए आप अपना योगदान दे सकते है, हमारे इस मुहिम/संकल्प को पूर्ण करने के लिए यदि आप पत्रकार हितो के आवाज को और अधिक बुलंद बनाना चाहते है तो अपना सहयोग ऑल इंडिया प्रेस परिषद संगठन से जुड़कर अपना सहयोग प्रदान करें।

संगठन के उद्देश्य।

पत्रकार भाइयों के हितो की बात करना।पत्रकारों को न्याय दिलाना व उनके हितो की बात सरकार तक पहुॅचाना।पत्रकार के परिजनों को विशेष सम्मान दिलाना।पत्रकारों के बच्चो के बेहतर भविष्य के लिए शैक्षणिक प्रशिक्षण विद्यालयों के माध्यम से सुनिश्चित करना।पत्रकारों के बच्चो को आवश्यकतानुसार निःशुल्क शिक्षण का कार्य करना व कराना।पत्रकारों के बच्चों को उच्च विद्यालयों में शिक्षण कार्य में रियायत कराना व आरक्षण का प्राविधान लागू कराने का प्रयास करेगी।पत्रकार हितों पर आवाज उठाना व पत्रकारो पर हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ प्रजातांत्रिक तरीके से आवाज उठाना व पत्रकारों को न्याय दिलाना।ऑल इंडिया प्रेस परिषद् संगठन समस्त पत्रकार भाइयों को टोल टैक्स में छूट दिलाने का हर सम्भव प्रयास करेगा।घायल पत्रकारों को इलाज के लिए कोष की स्थापना करना व सरकार द्वारा अनुदान प्रदान कराना।पत्रकारों के वेतन निधि का निर्माण कराना व वेतन दिलाना।पत्रकारों के परिजनों को निःशुल्क बीमा दिलाना।पत्रकार भाइयों हेतु मीडिया शिक्षण संस्थान की स्थापना करना व पत्रकारो को मीडिया से जुड़े कर्तव्य का शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान करवाना।पत्रकारों के लिए हैल्थकार्ड सरकार द्वारा सुनिश्चित करवाना।पत्रकारों/मीडिया कर्मी के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की व्यवस्था लागू करवाना।पत्रकार भाइयों के लिए मीडिया हाउस की स्थापना करना व कराना।मान्यता प्राप्त वरिष्ट पत्रकार को पेंशन की सुविधा लागू करवाना।पत्रकार/मीडिया कर्मी की कवरेज के दौरान दुर्घटना या मृत्यु होने पर निःशुल्क बीमा की सुविधा प्रदान करवाना।समचार कवरेज के दौरान अथवा किसी मिशन पर काम करते हुए पत्रकार/मीडिया कर्मी को मृत्यु होने पर उसके परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करवाना।पत्रकारों/मीडिया कर्मियों को विशेष कबरेज मिशन हेतु आवागमन के लिए आधे किराये का प्रावधान लागू करवाना।पत्रकार/मीडिया कर्मी हेतु आवास योजना व सस्ते आसान किस्तों पर आवास उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराना।पत्रकारों को हर प्रदेश में रोडवेज/परिवहन की क्षेत्र में विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करवाना।पत्रकार जगत में पत्रकारो से जुड़ी हर समस्याओं को राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर उठाना तथा शोषण मुक्त वातावरण तैयार करना।मीडिया संस्थानों एवं पत्रकारों को उनके बेहतर कार्यो के लिए हर वर्ष अवार्ड व सम्मान समारोह करना।समाचार पत्र पत्रिकाओं, न्यूज, एजेन्सी व चैनलों के लिए आसान कारगर नीति बनवाना तथा केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, से मधुर सम्बन्ध स्थापित करना व करवाना।छोटे से छोटे व बड़े से बड़े पत्रकारों को प्रेस मान्यता दिलाने का प्रयास करना ।पत्रकारों को स्वयं सुरक्षा हेतु लाइसेन्स की सुविधा प्रदान कराकर अविलम्ब पत्रकारों को लाइसेन्स प्रक्रिया पूर्ण कर शासनादेश पारित करवाना व पत्रकारों को लाइसेन्स दिलवाना।पत्रकार/मीडिया कर्मी पर दर्ज हुए मामलों की जाँच स्पेशल सेल के तहत जाँच करवाकर मामले की पुष्टि होने पर ही केस दर्ज किया जाए ऐसी व्यवस्था व शासनादेश पारित करवाना।ऑल इंडिया प्रेस परिषद अपने पदाधिकारियों को तथा सदस्यों को निःशुल्क बीमा प्रदान करना।

हमे ऑल इंडिया प्रेस परिषद से क्यों जुड़ना चाहिए ? Why should we join All India Press Parishad.

वैसे तो हमारे भारत देश मे पत्रकार हितों के लिए सैकड़ों पत्रकार संगठन काम कर रहे हैं। दूसरी ओर सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सामाजिक कार्य किए जा रहे हैं। लेकिन इन सभी संगठनों में पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के दो अलग-अलग पहलू हैं। जबकि वास्तव में, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में केवल मामूली अंतर होता है।

सामाजिक संगठन- पीड़ितों, बुजुर्गों, महिलाओं, एवं असहाय ,बच्चों व गरीबों की मदद करने के लिए कार्य करते हैं।

जबकि हमारे पत्रकार संगठन - समाज में व्याप्त भ्रष्ट आचरण और भ्रष्टाचार की पोल खोलकर समाज को भ्रष्टाचार करने वालो को आईना दिखाने का काम करते हैं । सरकार द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं को (असहाय, गरीब, मजदूर, न्याय, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों) योजनाओं को सही हाथों तक पहुंचाना पत्रकारों का मुख्य काम होता है। इसलिए यहाँ यह बात साफ़ हो जाती है कि सामाजिक कार्यकर्ता वही काम करते हैं जो पत्रकारों द्वारा किया जाता है। इस तरह, दोनों वर्गों का उद्देश्य एक ही है। समाज सेवा, सामाजिक हित का काम। समाज कल्याण के लिए कार्य करना।

इसलिए, हमने ऑल इंडिया प्रेस परिषद संगठन को बनाया है। जिसमें पत्रकार के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, हमने अपने ऑल इंडिया प्रेस परिषद को पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का संयुक्त परिवार कहा है। अब तक जिन संगठनों को आपने देखा है, वे सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए अलग से काम कर रही हैं और पत्रकारों के लिए अलग से काम कर रही हैं। लेकिन ऑल इंडिया प्रेस परिषद संगठन अपने आप में एक अलग संगठन है जो सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहा है। इसलिए आपको ऑल इंडिया प्रेस परिषद संगठन में शामिल होना चाहिए और एक सच्चे सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करना चाहिए।

डॉ एम आर अंसारी का संदेश पत्रकार भाईयो के नाम

पत्रकारिता लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ कहा जाने वाला, समाज का आईना, कमजोरों की आवाज ,और समाज को जागरूक करने का हथियार है।

मीडिया आज के समय मे अस्तित्व को बचाने में भी असफल हो रहा है। जबकि हमारा अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के बाद हिंदुस्तान एक लोकतंत्र राष्ट्र बना। जिसके तीन पिलर मुख्य है-

1- विधायिका,

2- कार्यपालिका,

3-न्यायपालिका

उपरोक्त की नींव तो हमारे देश के संविधान निर्माताओं ने प्रारम्भ में ही रख दी थी।

विधायिका - विधायिका देश के लिए कानून बनाने का कार्य करती है।
कार्यपालिका - विधायिका द्वारा बनाये गये कानूनों को लागू करती है।
न्यायपालिका - कार्यपालिका द्वारा लागू किये गये कानून की व्याख्या करती है तथा कानून का परिपालन सुनिश्चित कराने के साथ ही उलंघन करने वालों को दण्डित करती है।

किन्तु जब उपर्युक्त तीनों पिलर के बावजूद लोकतंत्र गिरता दिखाई दिया (क्योंकि तीनों तत्वों से भ्रष्टाचार, तानाशाही और लापरवाही की बू आने लगी थी) तो उसी समय राष्ट्रवादियों एवं लोकतंत्र के शुभचिन्ताकों ने लोकतंत्र के गिरते ढांचे को रोकने के चौथे पिलर की उपाधी मीडिया को दी । क्योंकि मीडिया एक ऐसा आईना है जोकि लोगों को उनका असली चेहरा दिखाने के साथ ही उनकी उस कार्यप्रणाली का प्रसार भी करती है। जहां अच्छे लोग मीडिया रूपी आईना में अपना चेहरा देखकर खुश होते हैं ।और बार- बार अपनी स्वच्छ छवि देखने की चाहत में आईने की हिफाजत करते हैं। तो वहीं , दूसरी ओर उसी आईने में अपनी गन्दी व कुरूप तस्वीर देखकर दुष्ट, भ्रष्टाचारी, तानाशाही तन्त्र, इस आईने को तोड़ने का प्रयास करते हैं। वैसे भी लोकतंत्र के तीन पिलर को उनकी सुरक्षा के लिए वित्तीय कवच, कानूनी कवच, शासनिक शक्तियों के कवच प्राप्त हैं।

लेकिन बड़े अफसोस की बात तो यह है कि मीडिया रूपी चौथे पिलर को साफ सुथरी छवि वाले समाज सेवियों की सहानभूति के अलावा कोई भी कवच अथवा शक्ति प्राप्त नहीं है। मीडिया को स्वयं अपने बल पर ही अपना कार्य करना होता है। इसीलिए ऑल इंडिया प्रेस परिषद संगठन ने मीडिया के साथ-साथ साफ सुथरी छवि के समाजसेवियों को भी अपने परिवार में शामिल करने का विचार किया है है।

मेरे प्रिय,
सम्मानित पत्रकार भाइयों
एवं आदणीय समाजसेवी भाइयों

भारत में लोकतंत्र का चौथा पिलर कहा जाने वाला पत्रकार जगत आज स्वयं अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। दूसरों को न्याय दिलाने के लिए भ्रष्टाचारियों एवं दंबग माफियाओं की पोल खोलकर समाज को जागरूक करने वाला पत्रकार आज स्वयं ही भटकने को मजबूर है। समाज उन सभी लोगो के ऊपर जिन पर फर्जी एवं झूठे मुकदमों में फसाया जाता रहा है जिसको बचाने के लिये हमारे पत्रकार भाई हमेशा सच्चाई को उजागर करने का काम करते थे लेकिन आज हमारे पत्रकार भाई स्वयं अपने ऊपर लगाये गये झूठे मुकदमो में उलझ रहा है। हमारे पत्रकार भाई हमेशा अपराधिक षड़यन्त्रों की पोल खोलकर समाज को षड़यन्त्रों से बचाने कार्य करते रहे हैं लेकिन आज हमारे सच्चे ईमानदार पत्रकार भाई स्वयं ही षड़यन्त्रों का शिकार हो रहे है।और दूसरों को एकता व अखण्डता का पाठ पढ़ाने वाला पत्रकार आज स्वयं ही अलग थलग होने लगा है। एक समय था जब हमारे पत्रकार भाई अपनी सूझ-बूझ से दूसरों की हत्यायें रोकने में मददगार साबित होते थे, लेकिन आज समाज को सच्चाई दिखाने वाले हमारे पत्रकार भाईयो की खुलेआम हत्या की जा रही है। क्या आप जानते हैं जानते हैं इन सभी वारदातों का जिम्मेदार कौन है?

स्वयं पत्रकार ! जी हाँ ! पत्रकार, क्योंकि ! दूसरों का भला करते-करते पत्रकार आज समाजसेवा व परोपकारिता में इतना विलीन हो गया है कि उसने स्वयं को ही भुला दिया है। दूसरों को एकजुटता का पाठ पढ़ाते-पढ़ाते पत्रकार स्वयं ही छोटे-बड़े, प्रिन्ट-इलेक्ट्रोनिक, साप्ताहिक, मासिक-दैनिक, क्षेत्रीय-राष्ट्रीय इसके अलावा ब्यूरो चीफ-सम्पादक, स्थानीय-जिला व तहसील प्रभारी आदि वर्गों में बंट गया है। जबकि काम सभी का एक ही है! परोपकारिता, पत्रकारिता, समाज सेवा।

जैसा कि आप जानते हैं ब्रिटिस सरकार के द्वारा भारत में सामप्रदायिकता, धर्म-जाति काले-गोरे का भेद बताकर हम भारतियों में आपसी फूट डालकर अपनी सत्ता कायम कर ली थी और हमे अपना गुलाम बना लिया था। उसी तर्ज पर आज भ्रष्टाचारी, गुंडा-माफिया, असमाजिक लोग हम पत्रकारों की आपसी फूट का फायदा उठा कर अपना उल्लू सीधा करते रहें हैं। एक दैनिक अखबार के पत्रकार भाई को अपने साथ बिठाकर एक चाय, समोसा के लालच में ,अपने ही परिवार के पत्रकार भाई जो साप्ताहिक समाचार का पत्रकार होता है तो अपनी बड़ाई के लिए फर्जी बताकर एक पत्रकार से दूसरे पत्रकार को ही लड़ा रहे है, यह कहा कि सच्ची पत्रकारिता हैं।

टीवी चैनल के पत्रकार को बड़ी मिडिया वाला पत्रकार कहकर समाचार पत्र के पत्रकार को फर्जी व फालतू बताया जाता है,और इसी तरह से आज हमारी फूट का फायदा उठाकर षड़यन्त्रकारी लोग पत्रकारों का शोषण कर रहे।और हमारे पत्रकार भाइयों को ही पत्रकार भाइयों के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है।

मेरे प्रिये पत्रकार भाइयों अभी भी सवेरा है जाग जाओ! भ्रष्टाचारियों,गुंडा, माफियाओं के षड़यन्त्र से सावधान हो जाये! अभी भी समय है, सघंठित हो जाओ, अपने आप को और अपनी कलम की ताकत को पहचानो ! आप वही हो जिन्होनें एक छोटे से शहर या गांव में छिपे लोगों को दुनिया का हीरो बना दिया। याद करो अपनी शक्ति सोचो !

आप जानते हैं कि देश में किनते वलात्कार/मर्डर होते हैं ? जिनकी रिपोर्ट तक नहीं लिखी जाती, किन्तु दिल्ली की दामिनी से दुष्कर्म करने वालों को फांसी के फन्दो के करीब ला दिया। हम वही पत्रकार हैं जिन्होंने सम्पूर्ण देश में दामिनी को श्रृद्धान्जली दिलाने के नाम पर करोड़ो की मोमवत्तियां बिकवा दीं। न जाने कितने षड़यन्त्रकारियों की पोल खोलकर सलाखों में जकड़वा दिया, तो कितनों को रंक से राजा बना दिया।

हांलाकि हम सभी पत्रकार भाईयों की मदद के लिए सैकड़ों संगठन बनाये गये हैं ,लगभग सभी संगठन पत्रकार हितों पर काम भी कर रहें हैं किन्तु हमारे पत्रकार भाई अभी भी जाग्रत नहीं हो पा रहे हैं ये बहुत ही चिंता की बात है।

भाइयों अगर अब भी हम अपनी शक्तियों को पहचान कर एकजुट नहीं हो पाये तो समझलों, देश के रखवाले ही देष को बेच देंगे, भ्रष्टाचारी अपने षड़यन्त्रों में कामयाब हो जायेगें। आईये हम सब मिलकर एक नई पहल लाते हैं और देश के सभी पत्रकार भाई एक हो जाते हैं। संगठन कोई भी हो मकसद एक और नेक होना चाहिए ।

इसी सोच के साथ
देश को आगे बढ़ाते हैं |
सच्ची समाज सेवा करते हैं।
क्योंकि हम पत्रकार हैं।
हमारी ताकत हमारी कलम है।
आपक सभी पत्रकार भाइयों को एक जुट करने का प्रयास करता
आपका अपना संगठन ।
ऑल इंडिया प्रेस परिषद , आपका स्वागत करता है।'
नोट- यदि किसी भी पत्रकार अथवा समाज सेवी को भ्रष्टाचारी या असमाजिक तत्वों के द्वारा धमकी दी जा रही हो अथवा कोई कोई षड़यन्त्र रचा जा रहा हो तो तुरन्त हमे सूचित करें। हम आपकी लड़ाई में आपके साथ रहेंगे। अब हमारे पत्रकार भाई स्वयं को अकेला न समझें।
ऑल इंडिया प्रेस परिषद संगठन
सदैव आपके साथ है।
आपका अपना शुभचिंतक

डॉ. एम आर अंसारी
राष्ट्रीय अध्यक्ष
ऑल इंडिया प्रेस परिषद
पत्रकार भाईयो के हितों की रक्षा के लिये संघर्षशील संगठन

आल इंडिया प्रेस परिषद ।
इस काम को अंजाम देने के लिये आप सभी पत्रकार भाईयो का साथ बहुत ज़रूरी है तभी कामियाबी मिलेगी।
संगठन की सदस्यता : इसमे वे ही व्यक्ति सदस्यता ले सकते है जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हो तथा किसी भी आपराधिक मामलों मे लिप्त न रहे हो। तथा सदस्यता ग्रहण कर सकते है इन सभी को सदस्यता गृहण करने हेतु ट्रस्टी/संस्थापक अध्यक्ष की अनुमति लेनी होगी।
आजीवन सदस्यता /सदस्य्ता
सदस्यता के लिए प्रवेश एवं योग्यता :-
कोई योग्यता र्निधारित नहीं है। लेक़िन पत्रकार,वरिष्ठसमाजसेवी होना जरूरी है व अंतिम निर्णय संस्थापक अध्यक्ष/प्रभारी के स्व-विवेक पर है।
सदस्यता शुल्क :-
संगठन से जुड़ने वाले प्रत्येक इच्छुक व्यक्ति को संगठन के नियमों के अनुसार सदस्यता शुल्क अदा करना अनिवार्य है ।
अ)राष्ट्रीय कार्यकारिणी के लिए 7500/ जमा करेगे।
ब)प्रदेश अध्यक्ष के लिए रु0 5100/एवं अन्य प्रदेश स्तर के पदाधिकारी रु0 2100/ जमा करेगे।
स)आजीवन सदस्यता शुल्क रु0 2100/रु देकर ऑल इंडिया प्रेस परिषद संगठन के आजीवन सदस्य व 1100/रु देकर सक्रिय सदस्य बन सकते हैं।
द)जिला अध्यक्ष लिए रु0 1100/ एवं अन्य जिला स्तर के पदाधिकारी रु 525 /जमा करेगे।
य)साधारण सदस्यता शुल्क रु0 250/-
नोटः-राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी भी पदाधिकारी की सदस्यता रद्द या बहाल कर सकते हैं एवं किसी भी तरह के विवाद में न्यायक्षेत्र लखनऊ होगा।
सदस्यता के लिये नियम:-
1.मैं स्वेच्छापूर्वक ऑल इंडिया प्रेस परिषद के उन सभी उद्देश्यो एवं नियमों को स्वीकार करता हूँ/करती हूँ जो व्यक्तियों के नागरिक, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा संवैधानिक अधिकरों की रक्षा करते हैं।
2.मैं उन सभी शक्तियों का विरोध करूंगा/करूंगी जो किसी भी व्यक्ति का ग़ैरकानूनी प्रकार से उत्पीड़न करते हैं।
3.मैं ऑल इंडिया प्रेस परिषद की सदस्यता ग्रहण करने के उपरान्त सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिये निःस्वार्थ कार्य करूंगा/करूंगी।
4.मैं अपने कार्यों में पारदर्शिता तथा ऑल इंडिया प्रेस परिषद के लिए उत्तरदायी होने का पूर्ण निर्वाह करूंगा/करूंगी।
5.मैं समाज के अवांछनीय, असामाजिक तथा अपराधिक मामलों पर ध्यान दिया करूंगा/करूंगी।
6.मैं ऑल इंडिया प्रेस परिषद के कार्यों और बैठकों में हिस्सा लूंगा/लूंगी तथा दिये गये कार्यभार एवं उद्देश्यों की पूर्ति हेतु संविधान-सम्मत रूप से दिये गये कार्योेे को स्वीकार करूंगा/करूंगी।
7.मैं ऑल इंडिया प्रेस परिषद के उद्देश्यों के विपरीत कोई भी कार्यवाही नहीं करूंगा/करूंगी। यदि मैं उद्देश्यों की अवहेलना करता पाया जाऊँ तो मेरी सदस्यता बिना कोई सूचना दिये तुरन्त समाप्त कर दी जाए।
8.मैं ऑल इंडिया प्रेस परिषद की सदस्यता प्राप्त करके मैं भी उन सौभाग्यशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल होना चाहता हूँ/चाहती हूँ जिन्हें आपके सम्मानीय ऑल इंडिया प्रेस परिषद के सदस्य होने का गौरव प्राप्त है।

अधिक जानकारी या किसी भी समस्या के लिए के लिए सम्पर्क करें : 09454110126, 09794100006, 08802752786

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